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شنکر
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शङ्करः
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ଶଙ୍କର
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শঙ্কর
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શંકર
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शंकर
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siva
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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shiva
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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सुकुमारवनम्
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auspicious
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पूजय
Meanings: 5; in Dictionaries: 1
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सप्तचत्वारिंशः पटलः - सदाशिवस्तोत्रम्
रूद्राणीरूद्रयो पूजाप्रकरणम्
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः ८९
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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मृतसञ्जीवन स्तोत्रम् - एवमारध्य गौरीशं देवं मृत्...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे.
A Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas.
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शिव स्तोत्रे - मृतसञ्जीवन स्तोत्रम्
शिव हि महान शक्ति असून त्रिमूर्तींपैकी एक आहेत. विश्वाची निर्मीती ब्रह्मदेवाने केली असून नाश करण्याचे कार्य शिवाचे आहे. शिवाचे वास्तव्य कैलास पर्वतावर आहे. Shiva is one of the gods of the Trinity. He is said to be the 'god of destruction'. Shiva is married to the Goddess Parvati (Uma). Parvati represents Prakriti. Lord Shiva sits in a meditative pose on Mount Kailash against, Himalayas.
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propitious
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prosperous
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
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अष्टविंशः पटलः - भैरवीपूजा
कन्दवासिनीस्त्रोत्रम्
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शङ्कराख्यः षष्ठोऽम्शः - चतुश्चत्वारिंशोऽध्यायः
श्रीशिवरहस्यम्
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शङ्कराख्यः षष्ठोऽम्शः - सप्तचत्वारिंशोऽध्यायः
श्रीशिवरहस्यम्
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षष्ठः पटलः - कुण्डलिनीस्तवः
कुमार्युपचर्याविन्यासः
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औत्सुक्यविश्वसितनामैकादशं स्तोत्रम्
श्रीमदुत्पलदेवाचार्यविरचिता शिवस्तोत्रावली
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खण्डः १ - अध्यायः ०२६
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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श्रीविष्णोर्नामस्तोत्रं
विष्णू हि सर्वोच्च शक्ती असून, त्रिमूर्ती ब्रह्मा, विष्णू आणि महेश यांपैकी, भगवान विष्णूचे कार्य विश्वाचा सांभाळ आणि प्रतिपाळ करणे आहे Vishnu,also known as Narayana is the Supreme Being or Ultimate Reality In the Trimurti, Vishnu is responsible for the maintenance or 'preservation' of the universe.
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आचारकाण्डः - अध्यायः २३१
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
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लंकाकाण्ड - श्लोक
गोस्वामी तुलसीदासजीने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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उमासहस्रम् - द्वादशः स्तबकः
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. A Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas.
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः ९६
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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उपमन्युकृतशिवस्तोत्रम् - जय शङ्कर पार्वतीपते मृड श...
शिव हि महान शक्ति असून त्रिमूर्तींपैकी एक आहेत. विश्वाची निर्मीती ब्रह्मदेवाने केली असून नाश करण्याचे कार्य शिवाचे आहे. शिवाचे वास्तव्य कैलास पर्वतावर आहे. Shiva is one of the gods of the Trinity. He is said to be the 'god of destruction'. Shiva is married to the Goddess Parvati (Uma). Parvati represents Prakriti. Lord Shiva sits in a meditative pose on Mount Kailash against, Himalayas.
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श्री मङ्गलचण्डिकास्तोत्रम् - ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सर्वप...
सती पार्वतीची दहा रूपे - काली, तारा, छिन्नमस्ता, भुवनेश्वरी, बगलामुखी, धूमावती, त्रिपुर सुंदरी, मातंगी, षोड़शी आणि भैरवी.
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः ६७
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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रावणवध - भाग २१
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे कवी भट्टि रचित रावणवध.
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शिवाख्यः चतुर्थाम्शः - नवमोऽध्यायः
श्रीशिवरहस्यम्
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खण्डः २ - अध्यायः १०८
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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खण्डः ३ - अध्यायः ००८
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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उत्तर पर्व - अध्याय ९८
भविष्यपुराणांत धर्म, सदाचार, नीति, उपदेश, अनेक आख्यान, व्रत, तीर्थ, दान, ज्योतिष अणि आयुर्वेद शास्त्र वगैरे विषयांचा अद्भुत संग्रह आहे.
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शिवाख्यः चतुर्थाम्शः - चतुर्विंशोऽध्यायः
श्रीशिवरहस्यम्
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एकनाथी भागवत - श्लोक १५ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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मध्यम भागः - अध्यायः २५
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
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भर्गाख्यः पञ्चमांशः - षष्ठोऽध्यायः
श्रीशिवरहस्यम्
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कामाख्या स्तुतिः - दशमः पटलः
कामरूप कामाख्या में जो देवी का सिद्ध पीठ है वह इसी सृष्टीकर्ती त्रिपुरसुंदरी का है ।
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वामनपुराण - अध्याय ४२ वा
भगवान विष्णु ह्यांचा वामन अवतार हा पाचवा तसेच त्रेता युगातील पहिला अवतार होय.
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खण्डः ३ - अध्यायः ०३४
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः १५६
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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श्रीवामनपुराण - अध्याय ७१
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
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वामनपुराण - अध्याय ४८ वा
भगवान विष्णु ह्यांचा वामन अवतार हा पाचवा तसेच त्रेता युगातील पहिला अवतार होय.
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सुब्रह्मण्यत्रिशतीस्तोत्रम् - ॐ सौं शरवणभवः शरच्चन्द्रा...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. A Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas.
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तिङन्त काण्ड: - सर्ग २२
`भट्टिकाव्यं' हे संस्कृत भाषेतील एक उत्कृष्ट काव्य आहे.
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प्रथमैकरात्रः - अष्टमोऽध्यायः
‘श्रीनारदपञ्चरात्रम‘ हा ग्रंथ वाचल्याने सामान्यज्ञानात भर पडते.
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शिवाख्यः चतुर्थाम्शः - द्वितीयोऽध्यायः
श्रीशिवरहस्यम्
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